औरस
औरस | |
— city — | |
निर्देशाङ्क | |
देय् | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिल्ला | उन्नाव |
जनसङ्ख्या | ५६५३ (२००१[update][[Category:Articles containing potentially dated statements from Expression error: Unexpected < operator. ]]) |
ई लागा | IST (UTC+05:30) |
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औरास (अंग्रेजी भाय:Auras), भारतयागु उत्तर प्रदेश राज्ययागु उन्नाव जिल्लायागु नगर पञ्चायत-शासित सहर
औरास विकास क्षेत्र में एक गाँव आता है गांगन बछौली लगभग 1588 ई वि सदी में यहाँ एक कबीेला था उस कबीले का सरदार गगन पासी था इस गगन पासी का एक लड़का था बसन्त पासी गगन के मौत के बाद सरदार बना बसन्त पासी बसन्त पासी ने आस पास के सभी गांव अपने साथ मिला लिए उन 22 गांव के लोगो ने बसन्त पासी को अपना राजा घोसित कर दिया बसन्त पासी राजा बनते ही अपने गांव का नाम अपने पिता के नाम से गगन रख दिया यही गगन आगे चलकर गांगन के नाम से विख्यात हुआ सरदार बसन्त पासी ने अपने क्षेत्र के रक्षा के लिए गांगन से लगभग एक किलो मीटर दूर मिटटी के दुर्ग का निर्माण किया यह दुर्ग लगभग 25 बीघे में बना हुआ था इस दुर्ग के चारो तरफ किसानों का कब्ज़ा हो गया है और इसी दुर्ग के पूर्व में एक सरकारी स्कूल का निर्माण किया गया उस दुर्ग के पूर्व और दक्षिण की तरफ कच्ची सड़क का निर्माण किया गया है इस दुर्ग पर प्राचीन
ग्लजेवर के टुकड़े और मिटटी के बर्तन प्राप्त होते रहते है यह दुर्ग टिल्ले के रूप में अभी भी मौजूद है
इस दुर्ग के सरदार बसन्त पासी के नाम से इस क्षेत्र का नाम बसन्ता खेड़ा पड़ा
कई वर्षों बाद गांगन दो भागों में विभाजन हो गया एक सड़क के दाहिनी ओर बछौली के नाम से प्रसिद्ध हुआ दूसरा अपने मूल नाम पर गांगन ही रहा सरदार बसन्त पासी अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हमेसा चिंतित रहते थे
1857 की क्रांति में ब्रटिश सरकार की फ़ौज लखनऊ के लिए इसी क्षेत्र से निकली थी अंग्रेजो की फ़ौज को रोकने के लिए डौंडिया खेड़ा के राजा राव राम बक्स इस क्षेत्र में मुकाबला किया था और अंग्रेजी सेना को वापस जाना पड़ा था
भूगोल
[सम्पादन]थ्व थाययागु अक्षांश व देशान्तर खः [१]थ्व थाय्यागु उचाइ खः १२२ मिटर (४०० फिट)।
।जनसंख्या
[सम्पादन]स्रोत
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