साहित्य अकादमी सिरपा हिन्दी
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साहित्य अकादमी सिरपा हिन्दी गुथिं बीगु हिन्दी साहित्यया सिरपा त्यानादीपिं च्वमि थ्व कथं दु-
-- वर्ष -- | लेखक | कृति |
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१९५५ | माखनलाल चतुर्वेदी | हिम तरंगिणी (काव्य) |
१९५६ | वासुदेव शरण अग्रवाल | पद्मावत संजीवनी व्याख्या (कमेंटरी) |
१९५७ | आचार्य नरेन्द्र देव | बौध धर्म दर्शन (दर्शन) |
१९५८ | राहुल सांकृत्यायन | मध्य एशिया का इतिहास (इतिहास) |
१९५९ | रामधारी सिंह 'दिनकर' | संस्कृति के चार अध्याय (भारतीय संस्कृति) |
१९६० | सुमित्रानंदन पंत | काला और बुरा चांद (काव्य) |
१९६१ | भगवतीचरण वर्मा | भूले बिसरे चित्र (उपन्यास) |
१९६२ | पुरस्कार नहीं दिया गया | |
१९६३ | अमृत राय | प्रेमचंद: कलम का सिपाही (जीवनी) |
१९६४ | अज्ञेय | आंगन के पार द्वार (काव्य) |
१९६५ | नागेन्द्र | रस सिद्धांत |
१९६६ | जैनेन्द्र कुमार | मुक्तिबोध (उपन्यास) |
१९६७ | अमृतलाल नागर | अमृत और विष (उपन्यास) |
१९६८ | हरिवंशराय बच्चन | दो चट्टाने (काव्य) |
१९६९ | श्रीलाल शुक्ल | राग दरबारी (उपन्यास) |
१९७० | राम विलास शर्मा | निराला की साहित्य साधना (जीवनी) |
१९७१ | नामवर सिंह | कविता के नये प्रतिमान (साहित्यिक आलोचना) |
१९७२ | भवानीप्रसाद मिश्र | बुनी हुई रस्सी (काव्य) |
१९७३ | हजारी प्रसाद द्विवेदी | आलोक पर्व (निबंध) |
१९७४ | शिवमंगल सिंह सुमन | मिट्टी की बारात (काव्य) |
१९७५ | भीष्म साहनी | तमस (उपन्यास) |
१९७६ | यशपाल | मेरी तेरी उसकी बात (उपन्यास) |
१९७७ | शमशेर बहादुर सिंह | चुका भी हूँ मैं नहीं (काव्य) |
१९७८ | भारतभूषण अग्रवाल | उतना वह सूरज है (काव्य) |
१९७९ | धूमिल | कल सुनना मुझे (काव्य) |
१९८० | कृष्णा सोबती | ज़िन्दगीनामा - ज़िन्दा रुख़ (उपन्यास) |
१९८१ | त्रिलोचन | ताप के ताये हुए दिन (काव्य) |
१९८२ | हरिशंकर परसाईं | विकलांग श्रद्धा का दौर (व्यंग) |
१९८३ | सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | खूँटियों पर टँगे लोग (काव्य) |
१९८४ | रघुवीर सहाय | लोग भूल गये हैं (काव्य) |
१९८५ | निर्मल वर्मा | कव्वे और काला पानी (छोटी कहानियाँ) |
1986 | केदारनाथ अग्रवाल | अपूर्वा (काव्य) |
१९८७ | श्रीकांत वर्मा | मगध (काव्य) |
१९८८ | नरेश मेहता | अरण्या (काव्य) |
१९८९ | केदारनाथ सिंह | अकाल में सारस (काव्य) |
१९९० | शिव प्रसाद सिंह | नीला चांद (उपन्यास) |
१९९१ | गिरिजाकुमार माथुर | मैं वक्त के हूँ सामने (काव्य) |
१९९२ | गिरिराज किशोर | ढाई घर (उपन्यास) |
१९९३ | विष्णु प्रभाकर | अर्धनारीश्वर (उपन्यास) |
१९९४ | अशोक वाजपेयी | कहीं नहीं वहीं (काव्य) |
१९९५ | कुंवर नारायण | कोई दूसरा नहीं (काव्य) |
१९९६ | सुरेन्द्र वर्मा | मुझे चांद चाहिये (उपन्यास) |
१९९७ | लीलाधर जगूड़ी | अनुभव के आकाश में चांद (काव्य) |
१९९८ | अरुण कमल | नये इलाके में (काव्य) |
१००० | विनोद कुमार शुक्ल | दीवार में एक खिड़की रहती थी (उपन्यास) |
२००० | मंगलेश डबराल | हम जो देखते हैं (काव्य) |
२००१ | अलका सरावगी | विया बाईपास (उपन्यास) |
२००२ | राजेश जोशी | दो पंक्तियों के बीच (काव्य) |
२००३ | कमलेश्वर | कितने पाकिस्तान (उपन्यास) |
२००४ | वीरेन डंगवाल | दुष्चक्र में सृष्टा (काव्य) |
२००५ | मनोहर श्याम जोशी | क्याप (उपन्यास) |
२००६ | ज्ञानेन्द्रपति | संशयात्मा (काव्य) |
२००७ | अमरकांत | इन्हीं हथियारों से (उपन्यास) |