गोविन्द शंकर कुरुप: Difference between revisions
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* '''च्वखँ मुना''' - गद्योपहारम् (१९४०), लेखमाल(१९४३), राक्कुयिलुकल्, मुत्तुम् चिप्पियुम (१९५९), जी. युटे नोटबुक, जी युटे गद्य लेखनंगल्। |
* '''च्वखँ मुना''' - गद्योपहारम् (१९४०), लेखमाल(१९४३), राक्कुयिलुकल्, मुत्तुम् चिप्पियुम (१९५९), जी. युटे नोटबुक, जी युटे गद्य लेखनंगल्। |
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* '''दबू प्याखँ''' - इरुट्टिनु मुन्पु (१९३५), सान्ध्य (१९४४), आगस्ट १५ (१९५६)। |
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* '''मचा साहित्य''' - इलम् चंचुकल् (१९५४), ओलप्पीप्पि (१९४४), राधाराणि, जीयुटे बालकवितकाल्। |
* '''मचा साहित्य''' - इलम् चंचुकल् (१९५४), ओलप्पीप्पि (१९४४), राधाराणि, जीयुटे बालकवितकाल्। |
Latest revision as of ११:५८, ११ जुलाई २०१४
गोविन्द शंकर कुरुप | |
बूं दिं: | {{{birth_date}}} |
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ज्या: | अध्यापन, लेखन, सलाहकार, संसद सदस्य |
गोविन्द शंकर कुरुप मलयालम भाषाया छम्ह साहित्यकार ख। वय्कः ज्ञानपीठ सिरपा त्यानादिम्ह च्वमि ख।
प्रकाशित कृति[सम्पादन]
- चिनाखँ मुना - साहित्य कौतुकम् - ४ खण्ड (१९२३-१९२९), सूर्यकांति (१९३२), नवातिथि (१९३५), पूजा पुष्पमा (१९४४), निमिषम्(१९४५), चेंकतिरुकल् मुत्तुकल्(१९४५), वनगायकन् (१९४७), इतलुकल् (१९४८), ओटक्कुष़ल्(१९५०), पथिकंटे पाट्टु(१९५१), अंतर्दाह (१९५५),वेल्लिल्प्परवकल् (१९५५), विश्वदर्शनम् (१९६०), जीवन संगीतम् (१९६४), मून्नरुवियुम् ओरु पुष़युम् (१९६४), पाथेयम् (१९६१), जीयुहे तेरंजेटुत्त कवितकल् (१९७२), मधुरम् सौम्यम् दीप्तम्, वेलिच्चत्तिंटे दूतम्, सान्ध्यरागम्।
- च्वखँ मुना - गद्योपहारम् (१९४०), लेखमाल(१९४३), राक्कुयिलुकल्, मुत्तुम् चिप्पियुम (१९५९), जी. युटे नोटबुक, जी युटे गद्य लेखनंगल्।
- दबू प्याखँ - इरुट्टिनु मुन्पु (१९३५), सान्ध्य (१९४४), आगस्ट १५ (१९५६)।
- मचा साहित्य - इलम् चंचुकल् (१९५४), ओलप्पीप्पि (१९४४), राधाराणि, जीयुटे बालकवितकाल्।
- आत्मकथा - ओम्मर्युटे ओलंगलिल् (२ खण्ड)
- भाय्हिला - स्वंगु बंगालीं, निगु संस्कृतं, छगू अँग्रेजी माध्यमया फारसी कृति व अंग्रेजी माध्यमया निगु फ्रेञ्च कृति। बंगाली कृति- गीतांजलि, एकोत्तरशती, टागोर। संस्कृत कृति- मध्यम व्यायोग व मेघदूत, फारसीया रुबाइयात ए उमर ख़ैयाम[१] व फ़्रेंच कृतितेगु अंग्रेजी नां- द ओल्ड मैन हू डज़ नॉट वांट टु डाय, व द चाइल्ड व्हिच डज़ नॉट वॉन्ट टु बी बॉर्न।
स्वयादिसँ[सम्पादन]
- ↑ उमर की रुबाइयों के अनुवाद भारतीय भाषाओं में. काकेश की कतरनें. दिसेम्बर ६, 2008 कथं।